केसर पर्वत पर दिव्यांग छात्राएं
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इंदौर के समीप महू में बंजर पहाड़ी पर विकसित किए गए केसर पर्वत प्रदेश का पहला सेंसरी गार्डन विकसित किया जाएगा। इस प्रोजक्ट पर दो करोड़ रुपये की लागत आएगी। जिन दिव्यांगों में देखने, सुनने, छूने, सूंघने या स्वाद लेने वाली इंद्रियों की कमी है। उनके के लिए यह गार्डन उपयोगी होगा। प्रकृति के बीच रहकर दिव्यांग फूलों की खुशबू, ठंडी हवा के बीच समय बिता कर ज्ञान भी ले सकेंग।
पर्वत को विकसित करने वाले प्रो.एसएल गर्ग ने बताया कि 20 से ज्यादा खुशबूदार फूलों के पौधे लगाए गए है। जो लोग देख नहीं पाते। उन्हें खुशबू से फूल का नाम पता कर पाएंगे। 20 को डिटेल उन्हें ब्रेनलिपी में उपलब्ध कराई जाएगी। लो लोग बोल और सुन नहीं सकते है। उन्हें सांकेतिक भाषा में फूलों, पेड़ों की प्रजाति की जानकारी दी जाएगी।
पर्वत पर झरने, तालाब भी बनाए गए है। प्रोेजेक्ट की शुरूआत के मौके पर महेश दृष्टिहीन संघ की छात्राएं केसर पर्वत पर आई। इस मौके पर देहरादून से आई विशेषज्ञ गीतिका माथुर ने भी केसर पर्वत को निहारा। सेंसरी गार्डन की ब्रेन लिपि की एक पुस्तक भी उन्हें भेंट की गई।
35 हजार से ज्यादा पेड़ है पर्वत पर
महू के समीप एक बंजर पहाड़ी इंदौर के प्रोफेसर एसएल गर्ग ने क्रय की थी। जून 2016 में यहां पहला पौधा लगाया गया। बादम, काजू, रूंद्राक्ष के पेड़ यहां बड़े हो चुके है। इसके अलावा विशेष वातावरण देकर पहाड़ी पर केसर भी उगाई जाती है। सात सालों में यहां 35 हजार से ज्यादा पेड़ लगाए जा चुके है।
अब इस पर्वत ने एक प्राकृतिक जंगल का रुप ले लिया है। कई दुर्लभ प्रजातियों के पौधे यहां लगाए गए है। हरियाली को बरकरार रखने के लिए यहां एक तालाब भी बनाया गया है। जिसमे वर्षभर पानी सहेज कर रखा जाता है। यहां दो-तीन परिवारों के रुकने के लिए कमरे भी बनाए गए है।